विवेकानंद जयंती: स्वामी विवेकानन्द के 15 ऐसे प्रेरणादायक विचार जो पहुंचाएंगे आपको अपने AIM तक |
by:ANKIT SUDEGORA
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विवेकानंद जयंती: स्वामी विवेकानन्द के 15 ऐसे प्रेरणादायक विचार जो पहुंचाएंगे आपको अपने AIM तक
'पहले हर अच्छी बात का मजाक बनता है, फिर उसका विरोध होता है। और फिर अंत में उसे स्वीकार कर लिया जाता है' स्वामी विवेकानंद के ऐसे ही प्रेरणादायक विचार आपको जीवन में सफलता और आपको आपके लक्ष्य पाने में बहुत मदद करेंगे। आज है स्वामी विवेकानन्द जयंती इस मौके पर आपके लिए पेश है ऐसे ही 15 अनमोल वचन
1. ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वह हमी हैं, जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है।
2. उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाए। दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो।
3. यदि स्वयं में विश्वास करना विस्तार से पढ़ाया गया होता, तो मुझे यकीन है कि बुराइयों और दुख का बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता।
4. कभी मत सोचिए कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है। ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है।
5. पहले हर अच्छी बात का मजाक बनता है, फिर उसका विरोध होता है। और फिर अंत में उसे स्वीकार कर लिया जाता है।
6. उठो मेरे शेरो, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो। तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो।
7. जो तुम सोचते हो वो हो जाओगे। यदि खुद को कमजोर सोचते हो, तो तुम कमजोर होगे। वहीं, खुद को ताकतवर सोचते हो, तो ताकतवर बन जाओगे।
8. पढ़ने के लिए जरूरी है एकाग्रता, एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान। ध्यान से ही हम इंद्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते हैं।
9. एक समय में एक काम करो और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।
10. संभव की सीमा जानने का केवल एक ही तरीका है असम्भव से आगे निकल जाना। इस पर अमल करो।
11. दिन में कम से कम एक बार अपने आप से बात करें। अन्यथा आप दुनिया के सबसे बुद्धिमान व्यक्ति से होने वाली मुलाकात को छोड़ रहे हो।
12- जो लोग आपकी मदद करते हैं उन्हें कभी मत भूलो। जो लोग तुम पर भरोसा करते हैं उन्हें कभी भी धोखा न दो।
13- अपने मस्तिष्क को ऊंचे विचारों और उच्चतम आदर्शों से भर दो। इसके बाद आप जो भी कार्य करेंगे वह महान होगा।
14- जब तक तुम अपने आप पर भरोसा नहीं कर सकते, तब तक तुम्हें ईश्वर पर भरोसा नहीं हो सकता।
15- कोई भी चीज, जो तुम्हें शारीरिक, मानसिक और धार्मिक रूप से कमजोर करती है, उसे जहर की भांति त्याग दो।
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2. उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाए। दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो।
3. यदि स्वयं में विश्वास करना विस्तार से पढ़ाया गया होता, तो मुझे यकीन है कि बुराइयों और दुख का बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता।
4. कभी मत सोचिए कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है। ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है।
5. पहले हर अच्छी बात का मजाक बनता है, फिर उसका विरोध होता है। और फिर अंत में उसे स्वीकार कर लिया जाता है।
6. उठो मेरे शेरो, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो। तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो।
7. जो तुम सोचते हो वो हो जाओगे। यदि खुद को कमजोर सोचते हो, तो तुम कमजोर होगे। वहीं, खुद को ताकतवर सोचते हो, तो ताकतवर बन जाओगे।
8. पढ़ने के लिए जरूरी है एकाग्रता, एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान। ध्यान से ही हम इंद्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते हैं।
9. एक समय में एक काम करो और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।
10. संभव की सीमा जानने का केवल एक ही तरीका है असम्भव से आगे निकल जाना। इस पर अमल करो।
11. दिन में कम से कम एक बार अपने आप से बात करें। अन्यथा आप दुनिया के सबसे बुद्धिमान व्यक्ति से होने वाली मुलाकात को छोड़ रहे हो।
12- जो लोग आपकी मदद करते हैं उन्हें कभी मत भूलो। जो लोग तुम पर भरोसा करते हैं उन्हें कभी भी धोखा न दो।
13- अपने मस्तिष्क को ऊंचे विचारों और उच्चतम आदर्शों से भर दो। इसके बाद आप जो भी कार्य करेंगे वह महान होगा।
14- जब तक तुम अपने आप पर भरोसा नहीं कर सकते, तब तक तुम्हें ईश्वर पर भरोसा नहीं हो सकता।
15- कोई भी चीज, जो तुम्हें शारीरिक, मानसिक और धार्मिक रूप से कमजोर करती है, उसे जहर की भांति त्याग दो।
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